अयोध्या मसले पर सुनवाई के लिए बेंच का गठन, CJI समेत 5 जज शामिल
মাধ্যমিক রেজাল্ট 2023 2023-09-18 06:28:58
0
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन कर दिया गया है. इसमें चीफ जस्टिस समेत 5 जज शामिल किए गए हैं. मामले की सुनवाई शीर्ष कोर्ट में 10 जनवरी को सुबह 10.30 बजे से शुरू होगी. शीर्ष कोर्ट ने 3 जनवरी को अयोध्या में विवादित जमीन के मालिकाना हक से जुड़े मुकदमे की सुनवाई करते हुए नई बेंच के गठन का ऐलान किया था. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में गठित बेंच में जस्टिस एस. ए. बोबडे,अयोध्यामसलेपरसुनवाईकेलिएबेंचकागठनCJIसमेतजजशामिल जस्टिस एन. वी. रमन्ना, जस्टिस यू. यू. ललित और जस्टिस चंद्रचूड़ शामिल हैं. पिछली बार इस मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद हिंदू महासभा के वकील ने कहा था कि अगर नई बेंच मामले की सुनवाई रोजाना करती है तो वर्षों पुराने इस विवाद का फैसला 60 दिनों में भी आ सकता है.हिन्दू महासभा के वकील का कहना था कि हम 10 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के समक्ष अपनी बात रखेंगे और मामले में रोजाना सुनवाई की अपील करेंगे. उन्होंने बताया कि इस मामले में दोनों तरफ से अपना-अपना पक्ष रखा जा चुका है. डॉक्युमेंट्स का आदान-प्रदान हो चुका है. ट्रांसलेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हिन्दू महासभा के वकील ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 90 दिनों में रोजाना सुनवाई कर अयोध्या मामले में अपना फैसला दिया था. इसलिए सुप्रीम कोर्ट से यह अपील है कि अगर मसले पर दोनों पक्ष सहयोग करें तो 60 दिन के अंदर फैसला आ सकता है.वहीं पिछली बार सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एस. के. कौल की पीठ ने कहा, 'एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे का आदेश देगी.' सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इस पर आदेश पारित किया. अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला. मामले की सुनवाई 30 सेकेंड भी नहीं चली.